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Why Baba Sunder Singh Shiksha Samiti?

बाबा सुन्दर सिंह शिक्षा समिति का उद्भव मेरे पिता सरदार अजीत सिंह व माता महेन्द्र कौर के आशीर्वाद व सहयोग से हुआ। सन् 1992 में मूक बधिर व मानसिक रूप से बच्चो की शिक्षा दीक्षा व समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए संस्था की नींव सरदार अजीत सिंह द्वारा रखी गयी। बहराइच जिले (तराई के पिछड़े क्षेत्र) में डा॰ बलमीत कौर ने आजीवन अविवाहित रहकर विशेष बच्चों की सेवा करने का संकल्प सन् 1992 में लिया, जो आज भी अनवरत जारी हैैै। विद्यालय से प्रशिक्षित छात्र छात्राएं आज एक अच्छे मुकाम पर है। जिनमें से कई बच्चे सरकारी नौकरी कर रहै हैं कुछ बच्चे अपना व्यवसाय कर रहें है व अपना पेट पाल रहे है। इन्हीं बच्चो में अमिताशा सिन्हा जो कि बोच्ची खेल की राष्ट्रीय खिलाड़ी है प्रथा अन्य रचनात्मक कार्यो में काफी रूचि लेती है को राज्य स्तरीय पुरस्कार तथा बेटी बचाओ बेटी पढाओ में उ०प्र० के राज्यपाल जी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है सन् 2019 में उसे जिले का मतदाता आइकन भी बनाया गया। इसी क्रम में अमिष कुमार सिन्हा को भी राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। स्वाती श्रीवास्तव भी अब प्रशिक्षित होकर मानसिक मंदित बच्चो के साथ कार्य कर रही है। मेरा सपना है कि विद्यालय मण्डल स्तर पर एक ऐसा मुकाम हासिल कर लें जिससे यदि कहीं भी कोई दिव्यांग हो तो उसे हर तरह की सुविधा निःशुल्क प्रदान कराई जा सके ।